प्रभावी नीतियों के कुशल क्रियान्वन से होगा किसानो की समस्यायो का निस्तारण
लखनऊ विधानभवन के सामने किसानो ने सड़को पर आलू फैलाकर उपज का वाजिब मूल्य न मिलने की शिकायत प्रदेश सरकार से की। सही रूप में देखा जाय तो किसान ही देश के अन्नदाता है उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलना न सिर्फ किसानो के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि यह सरकार की किसानो के प्रति असंवेदनशील नीतियों को उजागर करती है। कई किसान तो ऐसे है जिनकी कई एकड़ आलू की उपज कोल्डस्टोर में सड़कर बेकार हो गई कई किसान तो ऐसे रहे जिन्हें आलू आधी कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पडा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की यह सबसे बड़ी नाकामी मानी जायेगी सरकार को इस सम्बन्ध में कठोर नीति बनाकर किसानो को आलू का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता है। प्रदेश में कई ऐसे उपजाऊ क्षेत्र है जंहा पर आलू की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है और वंहा के किसान आलू की खेती पर पूरी तरह से निर्भर रहते है लेकिन सरकार की इस खेती के लिए कोई स्पष्ट नीति के अभाव में कभी किसान आधे से भी मूल्य पर बेचने को मजबूर हो जाते है तो कभी उनकी समूची आलू की उपज बर्बाद हो जाती है।
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